दोस्तो की दुआ का असर कुछ इस कदर चढ गया, रगो में ब | हिंदी शायरी

"दोस्तो की दुआ का असर कुछ इस कदर चढ गया, रगो में बेहता खून जैसे दोगुना बढ़ गया।। सोचता था अकेला निकल पड़ा हूं जिंदगी की राह पर, जब मुसीबत में आवाज़ दी और दोस्त अकेला लड़ गाया।। ©SarkaR"

 दोस्तो की दुआ का असर कुछ इस कदर चढ गया,

रगो में बेहता खून जैसे दोगुना बढ़ गया।।

सोचता था अकेला निकल पड़ा हूं जिंदगी की राह पर,

जब मुसीबत में आवाज़ दी और दोस्त अकेला लड़ गाया।।

©SarkaR

दोस्तो की दुआ का असर कुछ इस कदर चढ गया, रगो में बेहता खून जैसे दोगुना बढ़ गया।। सोचता था अकेला निकल पड़ा हूं जिंदगी की राह पर, जब मुसीबत में आवाज़ दी और दोस्त अकेला लड़ गाया।। ©SarkaR

#दोस्त

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