शामिल तू मेरे रात-दिन में सनम, हाँ तुमको ही सुबह | हिंदी शायरी Video

" शामिल तू मेरे रात-दिन में सनम, हाँ तुमको ही सुबह ओ-शाम लिखा। बेचैनियों का सबब भी तुमसे सनम, हाँ तुमको ही मैंने आराम लिखा। रख दिया ताख़ पर सारे रस्मों को सनम, हाँ तुमको ही मैंने रीति-रिवाज़ लिखा। हर दुआ में फकत तेरा ज़िक्र है सनम, हाँ तुमको ही मैंने नमाज़ लिखा। जगरातों की धुन भी तुम से सनम, हाँ तुमको ही मैंने अजान लिखा। मंदिर का दीया भी तुम हो सनम, हाँ तुमको ही मैंने रमजान लिखा। ©Kumar Saurabh "

शामिल तू मेरे रात-दिन में सनम, हाँ तुमको ही सुबह ओ-शाम लिखा। बेचैनियों का सबब भी तुमसे सनम, हाँ तुमको ही मैंने आराम लिखा। रख दिया ताख़ पर सारे रस्मों को सनम, हाँ तुमको ही मैंने रीति-रिवाज़ लिखा। हर दुआ में फकत तेरा ज़िक्र है सनम, हाँ तुमको ही मैंने नमाज़ लिखा। जगरातों की धुन भी तुम से सनम, हाँ तुमको ही मैंने अजान लिखा। मंदिर का दीया भी तुम हो सनम, हाँ तुमको ही मैंने रमजान लिखा। ©Kumar Saurabh

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