White जब स्त्री का प्रेम चैतन्यता बनकर पुरुष की रगों में प्रवाहित होता है, तभी पुरुष नित नूतन सफलता के सोपान पर चढ़ता है।
तभी यह बात प्रचलित हो गई है कि हर सफल व्यक्ति के पीछे किसी न किसी स्त्री का हाथ होता है।
इसी बात को आगे बढ़ाया जाए तो यह भी है कि हर असफल पुरुष के पीछे किसी न किसी स्त्री का हाथ होता है।
मतलब स्त्री अगर चैतन्यता दे सकती है तो चैतन्यता का हरण भी कर सकती है परंतु आपमें चैतन्यता का संचार अगर परमात्मा कर रहे हैं तो उस चैतन्यता का हरण कोई नहीं कर सकता।
©Ashoke Kumar Gupta
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