White प्रीत में नीत
मैं क्यूं दोस्ती की गुहार लगाता,
जैसे फरियादी कचहरी में टहलता जाता,
उसे बचाने की जिद्द में,
दीपक की बांती बनता जाता,
वो भूल गई तस्वीरें संबंधों की,
कभी कभी अतीत वर्तमान से टकराता है,
विश्वास से जिस्मानी ताल्लुक़ात रखे,
दगाबाज़ हैं वो कब संशय का पर्दा उठता है।।
©CHANDRAVEER GARG
#Couple कृष्णा वाघमारे, जालना , महाराष्ट्र,431211 @Anshu writer @udass Afzal khan @narendra bhakuni @Anupriya