White चंद्र के समान जाको मोहड़ो चमक रह्यो
भानु ते हु जादा तेज नैनन समायो है
अंग अंग में सुगंध चंदन सी भर रही
मंद मंद मुसकाय मन भरमायो है
सीस पे विराज रह्यो मोर पंख सुंदर सो
जाकी छवि देख कामदेवहू लजायो है
सुंदर सुकोमल सो सांवरो कन्हैया मेरो
जाको रौद्र रूप देख काल घबरायो है
रोहित मिश्र
©Mishra Ji
#Krishna जी