रातों को तुझसे बतिया कर करता हूं मन हल्का चांद ना | हिंदी कविता

"रातों को तुझसे बतिया कर करता हूं मन हल्का चांद ना पूछ रात अमावस की कटती कितनी तन्हा चांद ©Govind Singh"

 रातों को तुझसे बतिया कर
करता हूं मन हल्का चांद
ना पूछ रात अमावस की 
कटती कितनी तन्हा चांद

©Govind Singh

रातों को तुझसे बतिया कर करता हूं मन हल्का चांद ना पूछ रात अमावस की कटती कितनी तन्हा चांद ©Govind Singh

#चांद #रात #अमावस

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