White जमाने को ना जाने क्यूं लगता है,मेरी मोहब्बत है सबसे ।
पर सायद जमाने को मालूम नहीं, यह फितरत है बचपन से ।।
जो भी मिला , जैसा भी मिला मोहब्बत ही तो बाटी हमने ।।
अंजाम यह मिला शाहब ,
तू उसका है कहकर जमाने ने ।
मोहब्बत से नाता तोड़ा हमसे।।
©pt.विकास kumar शर्मा
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