बीती बातों का, हो कोई ग़म नहीं
मुस्कुराते होंठ हो, आँखें नम नहीं,
वही दिल,वही जज़्बा, वही हम हैं
बदलने से साल, बदलेंगे हम नहीं,
नया साल है, तो आगाज़ हो नया
जीत लाने को, आसमां कम नहीं,
अर्जुन नहीं, तो एकलव्य ही सही
ठोकरों से डर जाएँ, ऐसे हम नहीं,
है सूरज में आग बहुत,तो होने दो
इन आँखों में भी अंगारे कम नहीं ।❤️