White गुज़िश्ता रात पूरे चाँद की शब थी पस-ए-दहलीज़ | हिंदी Life Video

"White गुज़िश्ता रात पूरे चाँद की शब थी पस-ए-दहलीज़ तुम थीं और मैं ना-ख़्वास्ता क़दमों से बाहर की तरफ़ जाते हुए आँखों ही आँखों में तुम्हें ख़ुद में समोता जा रहा था भला कब तक ये मंज़र साथ देता! 'ख़ुदा-हाफ़िज़' के लम्हे बाद दरवाज़ा मुक़फ़्फ़ल हो चुका था और आँखों की रसाई से तुम्हारा जगमगाता हुस्न ओझल हो चुका था (मगर मैं बंद दरवाज़े की जानिब देखना भी इश्क़ के आदाब का हिस्सा समझता हूँ) उधर कमरे की छत के ऐन-ऊपर, आसमाँ पर चौदहवीं का चाँद रौशन था तुम्हारी ही शबाहत थी मुझे तो यूँ लगा जैसे फ़लक पर भी तुम्हारा हुस्न ही महताब बन कर जगमगाता है मगर फिर यूँ लगा जैसे कि ये महताब इक चेहरा नहीं इक आँख है जिस में किसी को देखते रहने की ख़्वाहिश झिलमिलाती है तो ये जाना कि उस कमरे की छत के ऐन-ऊपर, आसमाँ पर मैं ने अपनी आँख रख दी ©Jashvant "

White गुज़िश्ता रात पूरे चाँद की शब थी पस-ए-दहलीज़ तुम थीं और मैं ना-ख़्वास्ता क़दमों से बाहर की तरफ़ जाते हुए आँखों ही आँखों में तुम्हें ख़ुद में समोता जा रहा था भला कब तक ये मंज़र साथ देता! 'ख़ुदा-हाफ़िज़' के लम्हे बाद दरवाज़ा मुक़फ़्फ़ल हो चुका था और आँखों की रसाई से तुम्हारा जगमगाता हुस्न ओझल हो चुका था (मगर मैं बंद दरवाज़े की जानिब देखना भी इश्क़ के आदाब का हिस्सा समझता हूँ) उधर कमरे की छत के ऐन-ऊपर, आसमाँ पर चौदहवीं का चाँद रौशन था तुम्हारी ही शबाहत थी मुझे तो यूँ लगा जैसे फ़लक पर भी तुम्हारा हुस्न ही महताब बन कर जगमगाता है मगर फिर यूँ लगा जैसे कि ये महताब इक चेहरा नहीं इक आँख है जिस में किसी को देखते रहने की ख़्वाहिश झिलमिलाती है तो ये जाना कि उस कमरे की छत के ऐन-ऊपर, आसमाँ पर मैं ने अपनी आँख रख दी ©Jashvant

चाँद हम दोनों का हम शक़्ल है @Satyaprem Upadhyay @Parul rawat @sana naaz @Raj Guru gaTTubaba

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