वक़्त की आबरू सोच ख़ामोश लम्हा है बेबयाँ लफ्ज़ फिर | हिंदी शायरी

"वक़्त की आबरू सोच ख़ामोश लम्हा है बेबयाँ लफ्ज़ फिर लबों पर आज तन्हा है. ©malay_28"

 वक़्त की आबरू सोच   ख़ामोश लम्हा है
बेबयाँ लफ्ज़ फिर लबों पर आज तन्हा है.

©malay_28

वक़्त की आबरू सोच ख़ामोश लम्हा है बेबयाँ लफ्ज़ फिर लबों पर आज तन्हा है. ©malay_28

#तन्हा

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