गुजरे हुए वक्त अब याद आया । चाँदनी को देखा तब याद | हिंदी कविता Video

"गुजरे हुए वक्त अब याद आया । चाँदनी को देखा तब याद आया । हवाओं के संग खेली थी अठखेलिया, बसंती की हलहल अजब याद आया । फागुन की बयार मदमस्त हुआ है, आम की मंजर में मद गजब याद आया । सोलह श्रृंगारित मनमोहनी सूरत है, तेरी नैनो की काजल अदब याद आया । 'गोपाल' की राधारानी बरशाने की तुम्ही हो, जब तुम प्रेम से पुकारती सब याद आया । ©Anup Kumar Gopal "

गुजरे हुए वक्त अब याद आया । चाँदनी को देखा तब याद आया । हवाओं के संग खेली थी अठखेलिया, बसंती की हलहल अजब याद आया । फागुन की बयार मदमस्त हुआ है, आम की मंजर में मद गजब याद आया । सोलह श्रृंगारित मनमोहनी सूरत है, तेरी नैनो की काजल अदब याद आया । 'गोपाल' की राधारानी बरशाने की तुम्ही हो, जब तुम प्रेम से पुकारती सब याद आया । ©Anup Kumar Gopal

#hibiscussabdariffa तुम याद आया

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