White बेकाबू रहा समय का यह सफर,
फिर जिंदगी की मार ने जो मारा,
हम नहीं जान पाए समय की चाल,
फिर जिंदगी में आया तूफान ,
हमने उसी को पहचाना,
इश्क के प्रस्ताव,
प्रेम के निबंध,
प्यार की कविताएं,
स्नेह के पत्र,
ना ही हमने लिखे
चाहत थी मिलने की
पर बेकाबू रहा समय का सफर
लिखी चिट्ठियां मिली हमें कूड़ेदान में
प्यार पर कविताएं लिखी
प्रेम पर निबंध लिखें
बहुत से लोगों ने इस जहान में
बांटते चलो प्रेम का प्याला
फिर हम स्नेह के लिए क्या बांटे
क्या बांटे हम प्यार के लिए
दुश्मन से प्यार के हिजार में क्या बांटे
समय पर रहे यार के प्यार में क्या बांटे
बांटे हम फूलों की सुगंध
तो कांटों के प्यार में क्या बांटे
बांटे अगर हम जहर के प्याले
तो अपनों के दीदार में हम क्या बांटे
बेकाबू रहा समय का यह सफर,
फिर जिंदगी की मार ने जो मारा,
हम नहीं जान पाए समय की चाल,
फिर जिंदगी में आया तूफान ,
हमने उसी को पहचाना,
©Hardeep Singh khundia
बेकाबू यहां समय का सफर