हर जनम में.... हर जनम में उसी की चाहत थे हम किसी | हिंदी शायरी Video

"हर जनम में.... हर जनम में उसी की चाहत थे हम किसी और की अमानत थे उसकी आँखों में झिलमिलाती हुई हम ग़ज़ल की कोई अलामत थे तेरी चादर में तन समेट लिया हम कहाँ के दराज़क़ामत थे जैसे जंगल में आग लग जाये हम कभी इतने ख़ूबसूरत थे पास रहकर भी दूर-दूर रहे हम नये दौर की मोहब्बत थे इस ख़ुशी में मुझे ख़याल आया ग़म के दिन कितने ख़ूबसूरत थे दिन में इन जुगनुओं से क्या लेना ये दिये रात की ज़रूरत थे। ©Monu Dhakad "

हर जनम में.... हर जनम में उसी की चाहत थे हम किसी और की अमानत थे उसकी आँखों में झिलमिलाती हुई हम ग़ज़ल की कोई अलामत थे तेरी चादर में तन समेट लिया हम कहाँ के दराज़क़ामत थे जैसे जंगल में आग लग जाये हम कभी इतने ख़ूबसूरत थे पास रहकर भी दूर-दूर रहे हम नये दौर की मोहब्बत थे इस ख़ुशी में मुझे ख़याल आया ग़म के दिन कितने ख़ूबसूरत थे दिन में इन जुगनुओं से क्या लेना ये दिये रात की ज़रूरत थे। ©Monu Dhakad

#Taalash

People who shared love close

More like this

Trending Topic