आओ री मनवा गावां मंगलाचार,
करां री मन में सोच विचार।
हो जावे सबका बेड़ा पार,
चाहे नर हो या नार।
आओ री मनवा गावां मंगलाचार।।
मन में ध्यावा री कृष्ण-राधा नार,
जिंदगी से ना कर इतना प्यार।
आजा री अपना जीवन संवार,
राम नाम ने बनाले अपने गले रा हार।
आओ री मनवा गावां मंगलाचार।।
क्यों भाज्यो फिरै है धन दौलत रे लार,
नहा धोकर होज्या रे तैयार।
मनवा तू देह से ना कर इतना प्यार,
मन नै भक्ति में लगा दे मेरे यार।
आओ री मनवा गावां मंगलाचार।।
जवानी मेहमान है दो दिनां री चार,
कोई नहीं जावेला अपने लार।
जीवन मरण से लग जावे बेड़ा पार,
मोह माया है सब बेकार।
शिशपाल चौहान कह रहे
ये जीवन ऊपर वाले का उधार,
मनवा रट ले ईश्वर ने बार-बार
आओ री मनवा गावां मंगलाचार।।
©Shishpal Chauhan
# मन को ईश्वर भक्ति में लगा