" तुम मेरे लिए अखबार की उन सुर्खियो की तरह हो जिन्हें पढ़ने का रोमांच मुझे प्रतिदिन रहता है।।
तुम मेरे पसंदीदा गायक के गाये गीत की तरह हो जिसे मैं रोज सुन सकती हूं।।
तुम हो मेरे मनपसंद काले रंग की तरह मुझे प्रिय हो जिसे मैं हर रोज अपने बदन पर ओढ़ सकती हूँ ।।
तुम हो मेरे लिए चाय की लत की तरह जो कमबख्त उतरती ही नहीं।।
तुम हो वो लम्बी सैर जिसका सफर मैं रोज रोज करना चाहती हूँ ।।
अब इससे ज्यादा तो शायद मैं तुम्हे बता ही न सकूं कि तुम मेरे क्या हो
कि तुम मेरे क्या हो...
©Sangeet...
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