*अभी बहुत कुछ करना बाकी है* जिंदगी तुमसे अभी बहुत | हिंदी Poetry

"*अभी बहुत कुछ करना बाकी है* जिंदगी तुमसे अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है। मन के दहलीज पे कुछ सपने छुट गए है जो, उसे पुरा करना बाकी है। सुख दुख के आती जाती इन लहरों के बीच फिर से तैर कर उस पार निकलना बाकी है। बनाये हैं जो कुछ सपनों के घरोंदे मैंने उसे साचें में खुबसूरती ढालना बाकी है। कितने रंग बिखरें है जीवन में,उन रंगों का अभी कैनवस पे उतरना बाकी है। निराशा कि हर चादर को हटाकर अभी कामयाबी की दीपक का जलना बाकी है। माना धूमिल सा है आकाश का आंगन अभी ,बनके सितारा अभी जुगनू कि तरह चमकना बाकी है। कुछ भी मुश्किल नहीं अगर हौसला हो उड़ान भरने कि,अभी आकाश कि अनंत उचाइयों को छूना बाकी है।। ......रूपम,,.... ©Rupam Mahto"

 *अभी बहुत कुछ करना बाकी है*

जिंदगी तुमसे अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है।
मन के दहलीज पे कुछ सपने छुट गए है जो, उसे पुरा करना बाकी है। 
सुख दुख के आती जाती इन लहरों के बीच फिर से तैर कर उस पार निकलना बाकी है। 
बनाये हैं जो कुछ सपनों के घरोंदे मैंने उसे साचें में खुबसूरती ढालना बाकी है। 
कितने रंग बिखरें है जीवन में,उन रंगों का अभी कैनवस पे उतरना बाकी है। 
निराशा कि हर चादर को हटाकर  
अभी कामयाबी की दीपक का
 जलना बाकी है।
माना धूमिल सा है आकाश का आंगन अभी ,बनके सितारा अभी जुगनू कि तरह चमकना बाकी है। 
कुछ भी मुश्किल नहीं अगर हौसला हो उड़ान भरने कि,अभी आकाश कि अनंत उचाइयों को छूना बाकी है।। 
                ......रूपम,,....

©Rupam Mahto

*अभी बहुत कुछ करना बाकी है* जिंदगी तुमसे अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है। मन के दहलीज पे कुछ सपने छुट गए है जो, उसे पुरा करना बाकी है। सुख दुख के आती जाती इन लहरों के बीच फिर से तैर कर उस पार निकलना बाकी है। बनाये हैं जो कुछ सपनों के घरोंदे मैंने उसे साचें में खुबसूरती ढालना बाकी है। कितने रंग बिखरें है जीवन में,उन रंगों का अभी कैनवस पे उतरना बाकी है। निराशा कि हर चादर को हटाकर अभी कामयाबी की दीपक का जलना बाकी है। माना धूमिल सा है आकाश का आंगन अभी ,बनके सितारा अभी जुगनू कि तरह चमकना बाकी है। कुछ भी मुश्किल नहीं अगर हौसला हो उड़ान भरने कि,अभी आकाश कि अनंत उचाइयों को छूना बाकी है।। ......रूपम,,.... ©Rupam Mahto

#Kamyabi ki uran

#roseday

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