बंदिशो के अँधेरे में हूँ, अभी बहुत दूर जाना है। ख् | हिंदी कविता Video

"बंदिशो के अँधेरे में हूँ, अभी बहुत दूर जाना है। ख्वाहिशो की डोर से, सपनो की पंतग को उड़ाना है। ©Pooja Sharma "

बंदिशो के अँधेरे में हूँ, अभी बहुत दूर जाना है। ख्वाहिशो की डोर से, सपनो की पंतग को उड़ाना है। ©Pooja Sharma

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