हम आज भी शतरंज़ का खेल अकेले ही खेलते हे , क्युकी द | हिंदी शायरी

"हम आज भी शतरंज़ का खेल अकेले ही खेलते हे , क्युकी दोस्तों के खिलाफ चाल चलना हमे आता नही ..। #mr_bond"

 हम आज भी शतरंज़ का खेल अकेले ही खेलते हे , क्युकी दोस्तों के खिलाफ चाल चलना हमे आता नही ..।




#mr_bond

हम आज भी शतरंज़ का खेल अकेले ही खेलते हे , क्युकी दोस्तों के खिलाफ चाल चलना हमे आता नही ..। #mr_bond

#mohabbat #Mr_bond satrang ka khel
@Mudassir Hussain @mukesh kumar @Mohsin Ansari @@zain_single @Naziya Shaikh

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