White न धरती और न सूरज नजर आता है, ऊंचे आसमान में | हिंदी कविता Video

"White न धरती और न सूरज नजर आता है, ऊंचे आसमान में धुंधला सा चांद नजर आता है। न जीव और न जंतु नजर आता है, ऊंची इमारतों का मंजर नजर आता है। न पेड़ और न जंगल नजर आता है, बस एक आलीशान शहर नजर आता है। न पहाड़ और न पानी नजर आता है, बस बर्बादियों का शोर नजर आता है। न बाग और न बगीचा नजर आता है, बस बनावटी चीजों का दौर नजर आता है। न दुलार और न प्यार नजर आता है, बस आदमी अपने तक सीमित नजर आता है। न पहले जैसा रुतबा और न कोई संस्कार नजर आता है, बस परिवार हरदम बिखरता नजर आता है। न पहले जैसी खुबसूरती और न हरियाली नजर आती है, बस अब तो सांसें रुकती नजर आती है। न नदियां और न नाले भरे नजर आते हैं, बस खाली और बेबस से नजर आते हैं। ©Shishpal Chauhan "

White न धरती और न सूरज नजर आता है, ऊंचे आसमान में धुंधला सा चांद नजर आता है। न जीव और न जंतु नजर आता है, ऊंची इमारतों का मंजर नजर आता है। न पेड़ और न जंगल नजर आता है, बस एक आलीशान शहर नजर आता है। न पहाड़ और न पानी नजर आता है, बस बर्बादियों का शोर नजर आता है। न बाग और न बगीचा नजर आता है, बस बनावटी चीजों का दौर नजर आता है। न दुलार और न प्यार नजर आता है, बस आदमी अपने तक सीमित नजर आता है। न पहले जैसा रुतबा और न कोई संस्कार नजर आता है, बस परिवार हरदम बिखरता नजर आता है। न पहले जैसी खुबसूरती और न हरियाली नजर आती है, बस अब तो सांसें रुकती नजर आती है। न नदियां और न नाले भरे नजर आते हैं, बस खाली और बेबस से नजर आते हैं। ©Shishpal Chauhan

# पहले_वाली_बात_कहां?

People who shared love close

More like this

Trending Topic