न कोई दीवाना कहता है न समझे कोई हमें पागल तड़प बेच | हिंदी शायरी

"न कोई दीवाना कहता है न समझे कोई हमें पागल तड़प बेचैन धरती की कहाँ समझे कोई बादल तू मुझसे दूर अच्छी है मैं तुझसे दूर अच्छा हूँ जंग-ए-इश्क़ में देखो न तुम घायल न हम घायल"

 न कोई दीवाना कहता है न समझे कोई हमें पागल
तड़प  बेचैन  धरती  की  कहाँ  समझे कोई  बादल 
तू मुझसे दूर अच्छी है मैं तुझसे दूर अच्छा हूँ 
जंग-ए-इश्क़ में देखो न तुम घायल न हम घायल

न कोई दीवाना कहता है न समझे कोई हमें पागल तड़प बेचैन धरती की कहाँ समझे कोई बादल तू मुझसे दूर अच्छी है मैं तुझसे दूर अच्छा हूँ जंग-ए-इश्क़ में देखो न तुम घायल न हम घायल

#कुमार_हरवंश Karan Kanpuriyaa (इंतेज़ार)

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