रात भर इक चांद का साया रहा.. अपनों के बीच रह कर भी | हिंदी Shayari Vid

"रात भर इक चांद का साया रहा.. अपनों के बीच रह कर भी पराया रहा.. रोशन किया था मैंने अपना समझ के घर.. उसी घर में बरसों पराया रहा... ©khan saad "

रात भर इक चांद का साया रहा.. अपनों के बीच रह कर भी पराया रहा.. रोशन किया था मैंने अपना समझ के घर.. उसी घर में बरसों पराया रहा... ©khan saad

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