हम क़ाबिल कहाँ तुम्हारें हम ठहरे ज़ाहिल तुम समंदर | हिंदी शायरी

"हम क़ाबिल कहाँ तुम्हारें हम ठहरे ज़ाहिल तुम समंदर जैसे, समेटे नदियाँ जैसे हम ठहरे साहिल ©Dinesh Paul"

 हम क़ाबिल कहाँ तुम्हारें
हम ठहरे ज़ाहिल
तुम समंदर जैसे, समेटे नदियाँ जैसे
हम ठहरे साहिल

©Dinesh Paul

हम क़ाबिल कहाँ तुम्हारें हम ठहरे ज़ाहिल तुम समंदर जैसे, समेटे नदियाँ जैसे हम ठहरे साहिल ©Dinesh Paul

#BhaagChalo

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