ये शक्स नहीं हस्ती थी लाखों दिलों में जो बस्ती थी, | हिंदी शायरी
"ये शक्स नहीं हस्ती थी
लाखों दिलों में जो बस्ती थी,
हमे हसाते हसाते वोह जीना सिखा गया
हालत धुवा हैं जो पल में उड़ जाएगा
ऐसे कहते कहते ,
कैसे मौत से भी तानते है सिना दिखा दिया ।।
@kavyajit#poet ajit sonawane"
ये शक्स नहीं हस्ती थी
लाखों दिलों में जो बस्ती थी,
हमे हसाते हसाते वोह जीना सिखा गया
हालत धुवा हैं जो पल में उड़ जाएगा
ऐसे कहते कहते ,
कैसे मौत से भी तानते है सिना दिखा दिया ।।
@kavyajit#poet ajit sonawane