White कुछ भी नहीं...सोचा कुछ भी नहीं
ख्यालों, यादों, शेरों शायरी से क्या होगा
उम्र ए जवां खो जाने के बाद क्या होगा
कुछ भी नहीं, राह गुज़र ख़ाक होगा....
एक ख्वाहिश थी तेरे संग यू चांद सितारे देखूं
पेड़ों की छाव में बैठ दो चार बातें कर लूं
कभी पायल की खनक तो कभी झुमके देखूं
बस थोड़ी सी मोहलत ख़ुदा दें देते तो...
बनारस के घाटों पर दो चार कदम तेरे साथ चल लूं.....
इश्क़ ए फरियाद अब कुछ भी नहीं....
लालसा, उम्मीद ए ख्वाब अब कुछ भी नहीं......
©Dev Rishi
#love_shayari #कुछ_अनकही_बातें