खुदा ने ये सोच कर इंसान को बनाया था, करेगा इबादत म

"खुदा ने ये सोच कर इंसान को बनाया था, करेगा इबादत मेरी,कभी इसे कोई घटी न होगी रहेगा छाओं तले मेरी और मेरा ही फल खायेगा, न होगी कभी गम इसे, और न मौत छू पाएगा।। पर इंसान की ज़हन में कैसी शैतानी भूत सवार हुआ। खुद की लालसाओं में आकर वो खुदा से दूर हुआ।। बना लिए मज़हब अपने, और पुतलों को अपना रहनुमा। एक आंख के अंधे के बहकावे में आकर इंसान कर बैठा ये गुनाह।। फ़ासला बढ़ता गया खुदा से, अब तो इंसानो का। बढ़ते गए संख्या,झूठे विज्ञान के मतवालों का।। जब लगा खुदा को मेरी प्यारी सृष्टि बिगड़ गयी, ऐसे ही चलता रहा तो मानो ये अग्नि कुंड में गिर गयी। गुनाह की माफी देने,उसने पहली बार अवतार लिया। निष्कलंक और निष्पाप रहके, परमेश्वर के राज्य का प्रचार किया।। दीन बन कर उसने कभी न, ईश्वर होने का इकरार किया। बस बताया मार्ग सत्य और जीवन हूँ मै, जिसने उसपर विश्वास किया, गुनाह छोड़ कर चल पड़ा उसके पीछे, भले ही अपने इस जीवन का तिरस्कार किया।। पर गुनाहों के चाहने वालो ने,उस खुदा का इनकार किया। मार डाला उस शरीर को पर,उसके अंदर के खुदा को मार न पाया।। तीसरे दिन जी उठा वो फिर से,और जिसने इसका विश्वास किया। वो बन बैठा संतान उसका सारा गुनाह उसका माफ हुआ।। खुद को बताया बेटा खुदा का और हमे भी बेटा बनने के अधिकार दिया। कहा जाता हूँ मै अपने घर को, तुम्हारे लिए भी जगह रहने का बनाऊंगा, अगर मानते हो मेरे कहे हुए बातों को, तो वहीं तुम्हे फिर दिख जाऊंगा।। वापस में आऊंगा तुम्हे लेने तब तक मेरा कहा मानना। सावधान रहना उस छाप से, और कभी न उसे धारण करना।। न बुझने वाली अग्निकुंड है जहां वहां उन्हें फेंका जाएगा। अगर न चले तुम मेरे अनुसार, तो वो अजगर तुम्हे निगल जाएगा, न सुनी जाएगी कोई फरियाद वहां से, जहां पे उन्हें ले जाया जाएगा।। अंत के दिनों में तक जो धीरज धरे रहेगा,माँगोंगे जो वो तुम्हे मिलेगा। उद्धार उसी का किया जाएगा, खुशखबरी ये दुनिया को तुम जा के सुनाओ, कहो राजा के बेटे का व्याह है,आमन्त्रण उन्हें दे आओ।। जो होंगे शामिल व्याह में भोजन उनके साथ किया जाएगा। पिता-पुत्र रहेंगे साथ,मंदिर उनका वो कहलाया जाएगा।। व्यर्थ की दुनिया की खातिर उस खुदा को तुम छोड़ न देना। चुना उसने तुम्हे माँ के पेट मे, ये रिश्ता यूँ तोड़ न देना, बहुत जल्द संसार के सरदार को दोषी ठहराया जाएगा। जो साथ देगा उसका, अंजाम भी उनका एक सा किया जाएगा।। धर्म बनाने आया न वो, ये तो इंसानो की कारीगरी है। खुदा एक है हर इंसान का, भले ही वो न जाने वो खुदा है मेरा येशु, जिसकी सृष्टि ये सारी है।। ©Ankit Kumar"

 खुदा ने ये सोच कर इंसान को बनाया था,
करेगा इबादत मेरी,कभी इसे कोई घटी न होगी
 रहेगा छाओं तले मेरी और मेरा ही फल खायेगा, 
न होगी कभी गम इसे, और न मौत छू पाएगा।।

पर इंसान की ज़हन में कैसी शैतानी भूत सवार हुआ। 
खुद की लालसाओं में आकर वो खुदा से दूर हुआ।।

बना लिए मज़हब अपने, और पुतलों को अपना रहनुमा। 
एक आंख के अंधे के बहकावे में आकर इंसान कर बैठा ये गुनाह।।

फ़ासला बढ़ता गया खुदा से, अब तो इंसानो का।
बढ़ते गए संख्या,झूठे विज्ञान के मतवालों का।।

जब लगा खुदा को मेरी प्यारी सृष्टि बिगड़ गयी,
ऐसे ही चलता रहा तो मानो ये अग्नि कुंड में गिर गयी।

गुनाह की माफी देने,उसने पहली बार अवतार लिया।
निष्कलंक और निष्पाप रहके, परमेश्वर के राज्य का प्रचार किया।।

दीन बन कर उसने कभी न, ईश्वर होने का इकरार किया।
बस बताया मार्ग सत्य और जीवन हूँ मै,
जिसने उसपर विश्वास किया,
गुनाह छोड़ कर चल पड़ा उसके पीछे,
भले ही अपने इस जीवन का तिरस्कार किया।।

पर गुनाहों के चाहने वालो ने,उस खुदा का इनकार किया।
 मार डाला उस शरीर को पर,उसके अंदर के खुदा को मार न पाया।।

तीसरे दिन जी उठा वो फिर से,और जिसने इसका विश्वास किया।
वो बन बैठा संतान उसका सारा गुनाह उसका माफ हुआ।।

खुद को बताया बेटा खुदा का और हमे भी बेटा बनने के अधिकार दिया।
कहा जाता हूँ मै अपने घर को, तुम्हारे लिए भी जगह रहने का बनाऊंगा,
अगर मानते हो मेरे कहे हुए बातों को, तो वहीं तुम्हे फिर दिख जाऊंगा।।

वापस में आऊंगा तुम्हे लेने तब तक मेरा कहा मानना।
सावधान रहना उस छाप से, और कभी न उसे धारण करना।।

न बुझने वाली अग्निकुंड है जहां वहां उन्हें फेंका जाएगा।
अगर न चले तुम मेरे अनुसार, तो वो अजगर तुम्हे निगल जाएगा,
न सुनी जाएगी कोई फरियाद वहां से, जहां पे उन्हें ले जाया जाएगा।।

अंत के दिनों में तक जो धीरज धरे रहेगा,माँगोंगे जो वो तुम्हे मिलेगा।
 उद्धार उसी का किया जाएगा, खुशखबरी ये दुनिया को तुम जा के सुनाओ,
कहो राजा के बेटे का व्याह है,आमन्त्रण उन्हें दे आओ।।

जो होंगे शामिल व्याह में भोजन उनके साथ किया जाएगा।
पिता-पुत्र रहेंगे साथ,मंदिर उनका वो कहलाया जाएगा।।

व्यर्थ की दुनिया की खातिर उस खुदा को तुम छोड़ न देना।
चुना उसने तुम्हे माँ के पेट मे, ये रिश्ता यूँ तोड़ न देना,
बहुत जल्द संसार के सरदार को दोषी ठहराया जाएगा।
जो साथ देगा उसका, अंजाम भी उनका एक सा किया जाएगा।।

धर्म बनाने आया न वो, ये तो इंसानो की कारीगरी है।
खुदा एक है हर इंसान का, भले ही वो न जाने
वो खुदा है मेरा येशु, जिसकी सृष्टि ये सारी है।।

©Ankit Kumar

खुदा ने ये सोच कर इंसान को बनाया था, करेगा इबादत मेरी,कभी इसे कोई घटी न होगी रहेगा छाओं तले मेरी और मेरा ही फल खायेगा, न होगी कभी गम इसे, और न मौत छू पाएगा।। पर इंसान की ज़हन में कैसी शैतानी भूत सवार हुआ। खुद की लालसाओं में आकर वो खुदा से दूर हुआ।। बना लिए मज़हब अपने, और पुतलों को अपना रहनुमा। एक आंख के अंधे के बहकावे में आकर इंसान कर बैठा ये गुनाह।। फ़ासला बढ़ता गया खुदा से, अब तो इंसानो का। बढ़ते गए संख्या,झूठे विज्ञान के मतवालों का।। जब लगा खुदा को मेरी प्यारी सृष्टि बिगड़ गयी, ऐसे ही चलता रहा तो मानो ये अग्नि कुंड में गिर गयी। गुनाह की माफी देने,उसने पहली बार अवतार लिया। निष्कलंक और निष्पाप रहके, परमेश्वर के राज्य का प्रचार किया।। दीन बन कर उसने कभी न, ईश्वर होने का इकरार किया। बस बताया मार्ग सत्य और जीवन हूँ मै, जिसने उसपर विश्वास किया, गुनाह छोड़ कर चल पड़ा उसके पीछे, भले ही अपने इस जीवन का तिरस्कार किया।। पर गुनाहों के चाहने वालो ने,उस खुदा का इनकार किया। मार डाला उस शरीर को पर,उसके अंदर के खुदा को मार न पाया।। तीसरे दिन जी उठा वो फिर से,और जिसने इसका विश्वास किया। वो बन बैठा संतान उसका सारा गुनाह उसका माफ हुआ।। खुद को बताया बेटा खुदा का और हमे भी बेटा बनने के अधिकार दिया। कहा जाता हूँ मै अपने घर को, तुम्हारे लिए भी जगह रहने का बनाऊंगा, अगर मानते हो मेरे कहे हुए बातों को, तो वहीं तुम्हे फिर दिख जाऊंगा।। वापस में आऊंगा तुम्हे लेने तब तक मेरा कहा मानना। सावधान रहना उस छाप से, और कभी न उसे धारण करना।। न बुझने वाली अग्निकुंड है जहां वहां उन्हें फेंका जाएगा। अगर न चले तुम मेरे अनुसार, तो वो अजगर तुम्हे निगल जाएगा, न सुनी जाएगी कोई फरियाद वहां से, जहां पे उन्हें ले जाया जाएगा।। अंत के दिनों में तक जो धीरज धरे रहेगा,माँगोंगे जो वो तुम्हे मिलेगा। उद्धार उसी का किया जाएगा, खुशखबरी ये दुनिया को तुम जा के सुनाओ, कहो राजा के बेटे का व्याह है,आमन्त्रण उन्हें दे आओ।। जो होंगे शामिल व्याह में भोजन उनके साथ किया जाएगा। पिता-पुत्र रहेंगे साथ,मंदिर उनका वो कहलाया जाएगा।। व्यर्थ की दुनिया की खातिर उस खुदा को तुम छोड़ न देना। चुना उसने तुम्हे माँ के पेट मे, ये रिश्ता यूँ तोड़ न देना, बहुत जल्द संसार के सरदार को दोषी ठहराया जाएगा। जो साथ देगा उसका, अंजाम भी उनका एक सा किया जाएगा।। धर्म बनाने आया न वो, ये तो इंसानो की कारीगरी है। खुदा एक है हर इंसान का, भले ही वो न जाने वो खुदा है मेरा येशु, जिसकी सृष्टि ये सारी है।। ©Ankit Kumar

'क्यों दूर हुआ इंसान' कविता।
लेखक - अंकित कुमार #poem #Christian #HindiPoem #Reality #Christianity

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