पिता अम्बर है तो मां धरती का स्वरूप हैं बेटी -बेटे में दोनों का ही तो रंग रूप है। पिता गुल है तो मां गुलिस्ता है।पिता मंदिर है तो मां पूजा है ।पिता दरिया है तो मां किनारा है। पिता चंदा है तो मां तारा है ।पिता बरखा है तो मां बदली हैं। पिता दिल है तो मां धड़कन है। पिता नदिया है तो मां धारा है ।पिता धूप है तो मां छाया है ।पिता सागर है तो मां दरिया है।पिता दर्पण है तो मां अर्पण है ।पिता साया है तो मां परछाई है।
©Savitri Parveen Kumar
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