मांझी तेरी कश्ती के तलबगार बहुत हैं, इस पारतो हैं | हिंदी Shayari Vide

"मांझी तेरी कश्ती के तलबगार बहुत हैं, इस पारतो हैं कुछ मगर उस पार बहुत हैं... जिस शहर में तू ने खोली है शीशे की दुकान, उस शहर में पत्थर के खरीददार बहुत हैं.... ©Khan Sahab "

मांझी तेरी कश्ती के तलबगार बहुत हैं, इस पारतो हैं कुछ मगर उस पार बहुत हैं... जिस शहर में तू ने खोली है शीशे की दुकान, उस शहर में पत्थर के खरीददार बहुत हैं.... ©Khan Sahab

#पत्थरों_का_शहर

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