संतुष्ट करो मन को अपने,
फिर संतुष्टि से रहिएगा।।
नाप तोल के वचन निकालो,
अशब्द किसी से न कहिएगा।।
है ऐब जमाने मे कई लेकिन,
लालच की बात निराली है।।
ये सिरमौर है सभी अवगुणों का,
इस लालच से दूर रहिएगा।।
©Rimpi chaube
सुप्रभात।
#लालच_से_दूर
संतुष्ट करो मन को अपने,
फिर संतुष्टि से रहिएगा।।
नाप तोल के वचन निकालो,
अशब्द किसी से न कहिएगा।।
है ऐब जमाने मे कई लेकिन,
लालच की बात निराली है।।