बेबसी के अंधेरों में धकेल कर लोग हमदर्दी का दिखाव | हिंदी Poetry Video

"बेबसी के अंधेरों में धकेल कर लोग हमदर्दी का दिखावा क्यूँ करते हैं मारते हैं हमारे ख्वाबों को फिर हमसे ही अपनेपन का छलावा क्यूँ करते हैं तोड़ दिया गुरूर होसलों का ये झूठे लोग आखिर मन को तस्सली देने का बहकावा क्यूँ करते हैं अलग अलग रूप इनके स्वार्थ, लालच, डोंग हैं फिर भी अच्छाई के नकाब का दिखावा क्यूँ करते हैं चकनाचूर कर दिया मुझे बड़ा बेबस बनाया कि अब ये लोग हमदर्दी का दिखावा क्यूँ करते हैं....... (2) ©writer....Nishu... "

बेबसी के अंधेरों में धकेल कर लोग हमदर्दी का दिखावा क्यूँ करते हैं मारते हैं हमारे ख्वाबों को फिर हमसे ही अपनेपन का छलावा क्यूँ करते हैं तोड़ दिया गुरूर होसलों का ये झूठे लोग आखिर मन को तस्सली देने का बहकावा क्यूँ करते हैं अलग अलग रूप इनके स्वार्थ, लालच, डोंग हैं फिर भी अच्छाई के नकाब का दिखावा क्यूँ करते हैं चकनाचूर कर दिया मुझे बड़ा बेबस बनाया कि अब ये लोग हमदर्दी का दिखावा क्यूँ करते हैं....... (2) ©writer....Nishu...

#बेबसी के अंधेरे / ये झूठे लोगों का दिखावा

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