White अब कौन?.
रोज़ रोज़ खुदा ढूंढे,
जिसको न मिला वही ढूंढे,
रात आयी है तो सुबह भी होगी,
आधी रात में कौन? सुबह,
ढूंढे,
ज़िंदगी है तो जी!.?. खुल कर
जियो, रोज़ कौन क्यूं जीने,
की वजह
ढूंढे,
चलते, फिरते, पत्थरों- के शहर
में, पत्थर खुद..
पत्थरों, में,
खुदा,,
ढूंढे,
धरती को जन्नत बनाना है अगर
हर शख्स इंसानं में इंसान,
ढूंढे।
#rishi_ranjan8507
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©Rishi Ranjan
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