ए जिंदगी से कहीं मर न जाऊं मैं, वो छुएं मुझे और कह | हिंदी कविता

"ए जिंदगी से कहीं मर न जाऊं मैं, वो छुएं मुझे और कहीं सुधर न जाऊं मैं, वो इसलिए भी बात नहीं करतें हैं मुझसे की, उनकी बातें सुनूं और कहीं सवर न जाऊं मैं ।। ©सूर्यांश गर्ग"

 ए जिंदगी से कहीं मर न जाऊं मैं,
वो छुएं मुझे और कहीं सुधर न जाऊं मैं,
वो इसलिए भी बात नहीं करतें हैं मुझसे की,
उनकी बातें सुनूं और कहीं सवर न जाऊं मैं ।।

©सूर्यांश गर्ग

ए जिंदगी से कहीं मर न जाऊं मैं, वो छुएं मुझे और कहीं सुधर न जाऊं मैं, वो इसलिए भी बात नहीं करतें हैं मुझसे की, उनकी बातें सुनूं और कहीं सवर न जाऊं मैं ।। ©सूर्यांश गर्ग

#onenight sawar rha hu mai

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