मन के विचारो से उलझकर  कुछ गांठें खोलती हूं  थोड़ | हिंदी वि

"मन के विचारो से उलझकर  कुछ गांठें खोलती हूं  थोड़ा थोड़ा उन्हें समझकर  कुछ लिखती हूँ कुछ बोलती हूँ ©vineetapanchal "

मन के विचारो से उलझकर  कुछ गांठें खोलती हूं  थोड़ा थोड़ा उन्हें समझकर  कुछ लिखती हूँ कुछ बोलती हूँ ©vineetapanchal

#uljhAn #Man #vichar

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