भोर को क्या पता वेदना का रात्रि में लगाया सिरहाना, | हिंदी Shayari Vid

"भोर को क्या पता वेदना का रात्रि में लगाया सिरहाना, साक्षी होता है आँखों से बह चुकी वियोग की पीड़ा का । ©destiny_souL29 "

भोर को क्या पता वेदना का रात्रि में लगाया सिरहाना, साक्षी होता है आँखों से बह चुकी वियोग की पीड़ा का । ©destiny_souL29

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