काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था, खेलने की मस् | हिंदी Motivation

"काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था, खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था। कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में, वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था। ©MomoTalks"

 काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था,
खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था।
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में,
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था।

©MomoTalks

काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था, खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था। कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में, वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था। ©MomoTalks

#ChildrensDay
#Life_A_Blank_Page @Shaayar Bhaiyya खामोशी और दस्तक Lakshmi singh Suman Zaniyan HøT_Bõy_Øm

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