White खुशबू 01 प्रणामांजली कोसर की बहती बुंदो ने, | मराठी Video

"White खुशबू 01 प्रणामांजली कोसर की बहती बुंदो ने, बादल से शर्त लगाई हैं, फ़क़त चांद का अक्स नहीं, तु जन्नत की रानाई हैं । इस्बातों से हैं इश्क तुझे से, सोज-ए-रकाबत है कब से, खामोश हुई है, अब बोली, लफ़्ज़ो से मिलने आई हैं। फ़क़त चांद का अक्स नहीं, तु जन्नत की रानाई हैं । ख्वाबो के महके आंगन में, खुद ख़ुशबू बनकर आई हैं, रचना का अंतिम रस हैं तु, जज़्बातों की परछाईं हैं, फ़क़त चांद का अक्स नहीं, तु जन्नत की रानाई हैं । रहमत के किरदारों में, तु दुआ सजाने आई हैं, कोमल की मुरत हैं तु, खुशियों सी सूरत हैं तु खाकर तरस खुदा ने यूं खुद की शक्ल बनाई हैं, फ़क़्त चाँद का अक्स नहीं, तु जन्नत की रानाई हैं । 1 ©Khushbu Sanju Chouhan"

White खुशबू 01 प्रणामांजली कोसर की बहती बुंदो ने, बादल से शर्त लगाई हैं, फ़क़त चांद का अक्स नहीं, तु जन्नत की रानाई हैं । इस्बातों से हैं इश्क तुझे से, सोज-ए-रकाबत है कब से, खामोश हुई है, अब बोली, लफ़्ज़ो से मिलने आई हैं। फ़क़त चांद का अक्स नहीं, तु जन्नत की रानाई हैं । ख्वाबो के महके आंगन में, खुद ख़ुशबू बनकर आई हैं, रचना का अंतिम रस हैं तु, जज़्बातों की परछाईं हैं, फ़क़त चांद का अक्स नहीं, तु जन्नत की रानाई हैं । रहमत के किरदारों में, तु दुआ सजाने आई हैं, कोमल की मुरत हैं तु, खुशियों सी सूरत हैं तु खाकर तरस खुदा ने यूं खुद की शक्ल बनाई हैं, फ़क़्त चाँद का अक्स नहीं, तु जन्नत की रानाई हैं । 1 ©Khushbu Sanju Chouhan

khushbu Sanju Chouhan... फिर ये जीजी कौन है....

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