Vishnu Bhagwan || श्रीमद्भगवद्गीता ||
वृक्ष कभी इस बात पर व्यथित नहीं होता कि उसने कितने पुष्प खो दिए, वह सदैव नए फूलों के सृजन में व्यस्त रहता है। जीवन में कितना कुछ खो गया, इस पीडा को भूलकर, क्या नया कर सकते हैं, इसी में जीवन की सफलता है। श्रीमद्भगवद्गीता.
©KIRAN
#. GEETA GYAAN #