शाम की गुलाबी वादियों में,

"शाम की गुलाबी वादियों में, जुगनू जब भी टिमटिमाते हैं यूँ लगे मुझे तेरा पता बताते हैं। जब कभी हवा के नर्म झोंके, फूल पत्तों के बदन को गुदगुदाते हैं यूँ लगे मुझे तेरा पता बताते हैं। (फ़िल्म चेस(2010) के लिए लिखीं कुछ पंक्तियां) ©Rajesh Manthan - Poet And Film Lyricist"

 शाम की गुलाबी वादियों में,
                                  जुगनू जब भी टिमटिमाते हैं
यूँ लगे मुझे तेरा पता बताते हैं।

जब कभी हवा के नर्म झोंके,
                           फूल पत्तों के बदन को गुदगुदाते हैं
यूँ लगे मुझे तेरा पता बताते हैं।

(फ़िल्म चेस(2010) के लिए लिखीं कुछ पंक्तियां)

©Rajesh Manthan - Poet And Film Lyricist

शाम की गुलाबी वादियों में, जुगनू जब भी टिमटिमाते हैं यूँ लगे मुझे तेरा पता बताते हैं। जब कभी हवा के नर्म झोंके, फूल पत्तों के बदन को गुदगुदाते हैं यूँ लगे मुझे तेरा पता बताते हैं। (फ़िल्म चेस(2010) के लिए लिखीं कुछ पंक्तियां) ©Rajesh Manthan - Poet And Film Lyricist

मंथन की शायरी #Shaam #Shayar #Life_experience ##nojotohindi #rajeshmanthan

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