उगता सूरज देखकर,मन में जागी आस। जीवन से दुख दूर | हिंदी कविता Video

" उगता सूरज देखकर,मन में जागी आस। जीवन से दुख दूर हो,रख खुद पर विश्वास। रख खुद पर विश्वास,हटेगी दूर निराशा। निकलेगी फिर भोर, जगेगी मन में आशा। क्यों तू दुख को देख, बैठकर आहें भरता। अंधकार के बाद,आस का सूरज उगता। ©Tarun Rastogi kalamkar "

उगता सूरज देखकर,मन में जागी आस। जीवन से दुख दूर हो,रख खुद पर विश्वास। रख खुद पर विश्वास,हटेगी दूर निराशा। निकलेगी फिर भोर, जगेगी मन में आशा। क्यों तू दुख को देख, बैठकर आहें भरता। अंधकार के बाद,आस का सूरज उगता। ©Tarun Rastogi kalamkar

#Sunrise

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