वो फ़क़त गूँगा है, मगर अंधा नहीं है, आँखें काफी होती | हिंदी Shayari

"वो फ़क़त गूँगा है, मगर अंधा नहीं है, आँखें काफी होती हैं, डराने के लिए। ©मनदीप कंवल हरियाणवी"

 वो फ़क़त गूँगा है, मगर अंधा नहीं है,
आँखें काफी होती हैं, डराने के लिए।

©मनदीप कंवल हरियाणवी

वो फ़क़त गूँगा है, मगर अंधा नहीं है, आँखें काफी होती हैं, डराने के लिए। ©मनदीप कंवल हरियाणवी

आँखें काफी होती हैं, डराने के लिए।
शेर ओ शायरी #Nojoto #Life #lifeexperiences

#Dark

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