प्यासा था सामने समंदर था पानी खारा पर मैं नहीं | हिंदी शायरी

"प्यासा था सामने समंदर था पानी खारा पर मैं नहीं हारा था गुफ्तगू की आरजू लिए मैं गया उनके पास कभी मित्रों मैं भी बड़ा ही आवारा था ©अनुराग अचल"

 प्यासा था 
सामने समंदर था 
पानी खारा 
पर मैं नहीं हारा था 
गुफ्तगू की आरजू लिए 
 मैं गया उनके पास 
कभी मित्रों मैं भी बड़ा 
ही आवारा था

©अनुराग अचल

प्यासा था सामने समंदर था पानी खारा पर मैं नहीं हारा था गुफ्तगू की आरजू लिए मैं गया उनके पास कभी मित्रों मैं भी बड़ा ही आवारा था ©अनुराग अचल

#bachpan

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