जब मन हो कभी
ऊँची उड़ान भरने का
उड़ना ज़रूर लेकिन
थाम लेना पंखों को मज़बूती से
जाँच लेना हवा के रुख को
देख लेना मौसम की फ़ितरत को
हो जाओ जब संतुष्ट देख परख कर
तब भरना ऊँची उड़ान ऊँचे आसमान तक
पसार लेना पंखों को मन की इच्छा तक
नाप लेना दूरी को असीम तक
पर...भूल न जाना धरती को
वापस आना है थक कर यहीं पर
#मुनेश शर्मा
©Author Munesh sharma 'Nirjhara'
#आकाश #उड़ान #पंख