बोटी लेकर मुझे,तुझको बकरा देना पड़ा, तेरी इमदाद का | हिंदी Shayari Vide

"बोटी लेकर मुझे,तुझको बकरा देना पड़ा, तेरी इमदाद का यहां तक हिसाब देना पड़ा//१ रसुकात में कुछ तो जहर घुलना था लाज़िम, तेरी साजिशों को कुछ तो दोआब देना पड़ा//२ मेरे सब्र का इससे ज्यादा क्या इम्तेहान होगा, के बेईमानो को मुझे दोबारा हिसाब देना पड़ा//३ हरेक अफ़राद ए दश्त में,थे जहरीले खंजर, मुझे हरे अफ़राद को कोई न कोई ख़िताब देना पड़ा//४ कमदिल,कमजर्फ, सरकाश का इतना दबाव था,के किसी का हिस्सा,किसी और को जनाब देना पड़ा//५ "शमा"कहा तक रखती जब्त का माद्दा,बतोरे सुखन मे बददयानतो को जवाब देना पड़ा//६ #shamawritesBebaa ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर "

बोटी लेकर मुझे,तुझको बकरा देना पड़ा, तेरी इमदाद का यहां तक हिसाब देना पड़ा//१ रसुकात में कुछ तो जहर घुलना था लाज़िम, तेरी साजिशों को कुछ तो दोआब देना पड़ा//२ मेरे सब्र का इससे ज्यादा क्या इम्तेहान होगा, के बेईमानो को मुझे दोबारा हिसाब देना पड़ा//३ हरेक अफ़राद ए दश्त में,थे जहरीले खंजर, मुझे हरे अफ़राद को कोई न कोई ख़िताब देना पड़ा//४ कमदिल,कमजर्फ, सरकाश का इतना दबाव था,के किसी का हिस्सा,किसी और को जनाब देना पड़ा//५ "शमा"कहा तक रखती जब्त का माद्दा,बतोरे सुखन मे बददयानतो को जवाब देना पड़ा//६ #shamawritesBebaa ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#raindrops #nojoto बोटी लेकर मुझे,तुझको बकरा देना पड़ा,तेरी इमदाद का यहां तक हिसाब देना पड़ा//१

रसुकात में कुछ तो जहर घुलना था लाज़िम,तेरी साजिशों को कुछ तो दोआब देना पड़ा//२

मेरे सब्र का इससे ज्यादा क्या इम्तेहान होगा,के बेईमानो को मुझे दोबारा हिसाब देना पड़ा//३

हरेक अफ़राद ए दश्त में,थे जहरीले खंजर, मुझे हरे अफ़राद को कोई न कोई ख़िताब देना पड़ा//४

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