White पल्लव की डायरी
पत्थरो से दिल है पर्वत पहाड़ो के
फिर भी जगह पेड़ पौधों को देते है
सन्तुलन प्रकृति का बना रहे
सहयोग बढ़चढ़कर देते है
मानव ही ऐसा दुर्लभ प्राणी है
सब कुछ उजाड़ने में लगा है
चिंता करके पर्यावरण के नाम पर
जुर्माना वसूल कर मस्त पड़ा है
आने वाली पीढ़ियों का नही बचेगा स्वास्थ्य
विकृत शरीर और मन का बोझ लिये घूमेगा
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#short_shyari विकृत शरीर और मन का बोझ लिये मानव घूमेगा
#nojotohindi