अधिकांश देशवासियों को महंगाई बेरोजगारी सता रही है !
जो इससे बच पाये हैं उनके समय की बरबादी की जा रही है !!
अनचाहे फोन दिन भर सताते हैं !
चैन से दो मिनट भी हम जी नहीं पाते हैं !!
साइबर क्राइम का खतरा भी मंडरा रहा है !
बैंक वाला भी फोन करने से बाज नहीं आ रहा है !!
कानूनी बदलाव यू ट्यूब पर दिन रात आते हैं !
यू ट्यूब शीर्षक मजकूर से मेल ही नहीं खाते हैं !!
केवाईसी बार बार लिया जाता है !
डाटा लीक करके बेच दिया जाता है !!
जब कभी ये साइबर क्रिमिनल के हाथ लग जाता है !
वो फोन पे लीक डाटा के सहारे विश्वास जुटा, ठगता जाता है !!
साइबर क्रिमिनल को हजारों सिम बेचे जाते हैं !
सच्चे ग्राहकों से फोन वाले बार बार केवाईसी जुटाते है !!
कुत्तों के काटने की लाखों घटनाओं का आंकड़ा न थमता है !
सड़क पे छोड़ो, सोसाइटी में चहलकदमी में भी डर लगता है !!
कैंसर कारक पदार्थ धड्डले से बेचे जा रहे है !
जानलेवा बीमारी में हम अपने अजीजों को गंवा रहे हैं !!
पदपथ अतिक्रमित है हफ्तों की वसूली के कारण !
बाज़ार पैदल जाने में भी समय व्यर्थ होता है इसी कारण !!
गाड़ी से जायें तो ट्रैफिक जाम समय खाता है !
इन सभी कारणों से तनाव बढ़ता जाता है !!
सारांश ये है कि हम काम करने की शक्ति घटा रहे हैं !!
अस्सी करोड़ को थमाया, और बीस तीस करोड़ को थमाना चाह रहे हैं !!
आजादी हाथ में कटोरे के लिए नहीं जुटाई गई है !
बलिदानियों के खून से सिंची आजादी स्वाभिमान के लिए पाई है !!
नई पीढ़ी मोबाइल जुए सट्टे नशे पत्ते अपराध से बच नहीं पा रही !
पुरानी पीढ़ी की हिम्मत जवाब दिए जा रही !!
राजनेताओं का जन ज्वलंत प्रश्नों से सरोकार ही नहीं !
देश का भविष्य चक्रव्यूह में न फंसे, ऐसी मंशावाली कोई सरकार नहीं !!
आवेश हिन्दुस्तानी 03.08.2024
©Ashok Mangal
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