White पल्लव की डायरी
बिपरीत परिस्थितयो में
पनपे हम,जहर रग रग में है
वैश्वीकरण के कारण
जोखिम उठाते,अंग अंग तड़पन में है
खाद पानी सब केमिकल्स के हवाले
मानव जीवन जीडीपी की भेंट चढ़ गया
हर घर बीमारी,दवाओं का आधी हो गया
चक्रव्यूह में अभिमन्यु फंसा है
विश्वसंगठन आकाओ की सुनता
दुनिया भर में खेल मानव के अंग अंग से चल रहा है
वीपी डायबिटीज पर कोई शोध नही
इनके मानको से लूटने का धंधा चल रहा है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#Lake जोखिम उठाते अंग अंग,जीवन तड़पन है
#nojotohindi