........................ग़ज़ल...........…........ | हिंदी कविता

"........................ग़ज़ल...........…........ 💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕 मोनिस ए हिजरां मेरा कोई नहीं बे वफ़ा और बा वफा कोई नहीं //१ दर्द सहता हूं अभी भी इश्क़ का बाद इसके भी गिला कोई नहीं //२ शीश ए दिल पारा पारा कर दिया फिर भी उसने की जफ़ा कोई नहीं //३ मुद्दतों के बाद आया उसका ख़त और लिखा मेरी ख़ता कोई नहीं //४ अव्वलीन ओ आखरी है बस वही मेरे दिल में दूसरा कोई नहीं //५ ख़त्म शुद अरशद ने बस इतना कहा चांद हो और चांद सा कोई नहीं //६ अरशद अंसारी ©®"

 ........................ग़ज़ल...........…........
💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕
मोनिस ए हिजरां मेरा कोई नहीं
बे वफ़ा और बा वफा कोई नहीं //१

दर्द सहता हूं अभी भी इश्क़ का
बाद इसके भी गिला कोई नहीं //२

शीश ए दिल पारा पारा कर दिया
फिर भी उसने की जफ़ा कोई नहीं //३

मुद्दतों के बाद आया उसका ख़त
और लिखा मेरी ख़ता कोई नहीं //४

अव्वलीन ओ आखरी है बस वही
मेरे दिल में दूसरा कोई नहीं //५

ख़त्म शुद अरशद ने बस इतना कहा
चांद हो और चांद सा कोई नहीं //६
  अरशद अंसारी ©®

........................ग़ज़ल...........…........ 💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕 मोनिस ए हिजरां मेरा कोई नहीं बे वफ़ा और बा वफा कोई नहीं //१ दर्द सहता हूं अभी भी इश्क़ का बाद इसके भी गिला कोई नहीं //२ शीश ए दिल पारा पारा कर दिया फिर भी उसने की जफ़ा कोई नहीं //३ मुद्दतों के बाद आया उसका ख़त और लिखा मेरी ख़ता कोई नहीं //४ अव्वलीन ओ आखरी है बस वही मेरे दिल में दूसरा कोई नहीं //५ ख़त्म शुद अरशद ने बस इतना कहा चांद हो और चांद सा कोई नहीं //६ अरशद अंसारी ©®

Monis hijrañ
#poetryunpluged

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