वो मेरा जैसे आइना होगा
मैं चाहती हूँ लेकिन उसमें मेरे कोई
अवगुण ना हों
उसकी चहरे पर बालकों सी मासूमियत समाई हो
उसकी आँखों में इतनी सच्चाई इतनी गहराई होगी
जिसमें डूब जाने का मन चाहेगा
मैं रूठूँगी हर बार मगर वो हर बार मुझे मनायेगा
मेरे क्रोध को उसका शांत स्वभाव हर लेगा
गाली देना तो दूर कभी ऊँची आवाज भी मुझपर
ना उठायेगा ;मैं करूँगी बालको सी नादानी हर दम
फिर वो थोड़ा सा डांट कर तो कभी संग मेरे खुद भी बालकों सा व्यवहार दिखायेगा
मेरी आवाज मेरे शब्दों से बढ़कर मेरी खामोशी को समझेगा ;झुठ फरेब धोखा इन सब से दूर कहीं बहुत
पवित्र परमात्मा सी उसकी हसती होगी
मैं प्रेम नहीं बल्कि ईश्वर की भाती पूजन करूँगी उसका
वो दिव्य पुरुष जब मेरे सामने आयेगा l
©Timsi thakur
#quotation