मेरा न होकर भी वो मेरा सा है,
जो मुस्कुराए तो मैं मुस्कुरा दू मेरा इश्क बस इतना सा हैं...
उसे पाने की चाहत नहीं सब्र सा हैं,
वो दिखे तो नज़रे चुरा लूं,मेरा इश्क बस इतना सा है...
वो रहे बेखबर फिर भी मैं उसी को चाहूं,
मेरा इश्क बस इतना सा हैं...
उसके साथ का ख़्वाब नहीं,
बस ख्वाबों में उसे देखना चाहूं,
मेरा इश्क बस इतना सा है.............!!
©Pallavi chaurasia
#saath