Alone लकीरों कि मानू या फकीरों कि मानू
जब बदल सिर्फ वर्तमान ही सकता तो भविष्य ही क्यों जानू,
जो होना है वो तो होगा ही तो कल की फ़िक्र में आज कैसे गवा डालू,
मेरा खुदा कहता है मेरे अंदर ही ब्रम्मंड है तो मैं उन तारो की दशा से अपना कल कैसे मानू।।
#Destiny