एक उम्र खर्च किया हूं तुझ को पाने के लिए निशान छप | हिंदी Shayari

"एक उम्र खर्च किया हूं तुझ को पाने के लिए निशान छप गए दिल पे तुझे मिटाने के लिए खुदा का शुक्र है महरूम हो इस दर्द से जो तुम अब तक जिंदा हूं यही तुझको बताने के लिए ©Qais Tanvee"

 एक उम्र खर्च किया हूं तुझ को पाने के लिए
निशान छप गए दिल पे तुझे मिटाने के लिए
खुदा का शुक्र है महरूम हो इस दर्द से जो तुम
अब तक जिंदा हूं यही तुझको बताने के लिए

©Qais Tanvee

एक उम्र खर्च किया हूं तुझ को पाने के लिए निशान छप गए दिल पे तुझे मिटाने के लिए खुदा का शुक्र है महरूम हो इस दर्द से जो तुम अब तक जिंदा हूं यही तुझको बताने के लिए ©Qais Tanvee

#doori

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